प्राचार्य
मनुष्य अपना भाग्य स्वयं बनाता है, अपनी उपलब्धियों और सफलताओं के कारण जाना जाता है, जो वह स्वयं प्राप्त करता है, न कि अपनी हानियों और असफलताओं के लिए, जो उसे दूसरों के कारण भुगतनी पड़ती है।
जाग्रत, जीवंत, सतर्क, सक्रिय रहें और उन गुणों को प्राप्त करें जो आपकी महत्वाकांक्षा की ओर आपका मार्ग प्रशस्त करते हैं।
अपने आप को अतीत के विचारों से मुक्त करें जो खो गया है। वर्तमान में ध्यान केंद्रित करें, भविष्य की सभी बाधाएं आपका रास्ता छोड़ देंगी।